Page:The Rámáyana of Tulsi Dás.djvu/28

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viii
INTRODUCTION.

कही झूठ बात एक राम पहिचानिये ॥
देखैं राम कैसो कहि कैदि किये किये हिये
हूजिये कृपाल हनूमान जू दयाल हो ॥
ताही समय फैलि गए कोटि कोटि कपि नये
लोचे तन बैंचें चोर भयो यो विहाल हो ॥
फोरें कोट मार चोट किये डारे लोट पोट
लीजे कान ओट जानि मानों प्रल काल हो ॥
भइ तब आखैं दुखसागर को चाखै अब
वेई हमैं राखें भाखें वारों धन माल हो ॥
आय पाय लिये तुम दिये हम प्रान पावे
आप समझा करामात नेकु लीजिये ॥
लाज दबि गयो नृप तब राखि लियो कह्यौ
भया घर राम जू को बेगि छोड़ दीजिये ॥
सुनि तजि दिया और कर्यो लैके कोट नयो
अबहू न रहै कोज वामैं तन छोजिये ॥
कासी जाय वृन्दावन आय मिले नाभाजू से
सुन्यो हो कबित निज रीझि मति भीजिये ॥
मदन गोपाल जू को दरसन करि कहि
सही राम इष्ट मेरे दृष्टि भाव पागी है ॥
वैसाई सरूप किया दियो लै दिखाय रूप
मन अनरूप छबि देखि नीकी लागी है ॥
काहू कही कृष्ण अवतारी जू प्रसंस महा
राम अंस सुन बोले मति अनुरागी है ॥
दसरथसुत जानो सुंदर अनूप मानों
ईसता बताई रति बीस गुनी जागी है ॥