Page:The Rámáyana of Tulsi Dás.djvu/26

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vi
INTRODUCTION.

जाने रससार रूप धर्यो जेसे गाये हैं ॥
मांगि लीजे बर कहि दीजे राम भूप रूप
अतिही अनूप निक्त नैन अभिलाखिये ॥
किया ले संकेत वाही दिन ही से लाग्यो हेत
आई साई समै चेत कब छवि चाखिये ॥
आये रघुनाथ साथ लछिमन चढ़े घोरे
पट रंग बारे हरै कैसे मन राखिये ॥
पाछैं हनूमान आय बोले देखे प्रान प्यारे
नैकुन निहारे मैं तो भले फेरि भाखिये ॥
हत्या करि बिन एक तीरथ करत आया
कहै मुख राम भिक्षा डारिये हत्यारे को ॥
सुनि अभिराम नाम धाम में बुलाय लियो
दियो ले प्रसाद किया सुद्ध गायो प्यारे को॥
भई द्विजसभा कहि बोलि के पठाए आप
कैसे गये पाप संग लेके जैये न्यारे को ॥
पाथी तुम बांचा हिये सार नहीं सांचा अजू
तातें मत काचो दूर करे न अंध्यारे को ॥
देखी पोथी बांच नाम महिमाहू कही सांच
अपै हत्या कर कैसे तरे कहि दीजिये ॥
आवै जो प्रतीत कहो कही या के हाथ जेवें
सिव जू को बेल तब पंगति में लीजिये ॥
थार में प्रसाद दियो चले जहां पन कियो
बोले आप नाम के प्रताप मति भीजिये ॥
नेसी तुम जानों तैसी कैसे के बखानों अहो